मौसम का मिज़ाज बदला, किसानों को सताने लगा डर, धान खरीदी केंद्रों में खुले में रखे धान पर मंडरा रहा संकट

रायपुर/छत्तीसगढ़ के हर जिले में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी है। किसान अपनी उपज बेच रहे हैं, तो वहीं कुछ किसानों का धान अभी भी खेतों में पड़ा है। दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में बने तूफान फॅजल के असर से प्रदेश के कुछ हिस्सों में शुक्रवार से आसमान पर काले बादलों ने डेरा जमाया है।  

वहीं शनिवार को कुछ जगहों पर हल्की बारिश भी हुई। इसको लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई है। एक तरफ जहां किसान फसल की कटाई कर उसे सहेजने में जुटे हुए हैं वहीं मंडियों में भी खुले में हजारों क्विंटल धान रखा हुआ है। वहां भी धान का उठाव नहीं हो पाने की वजह से सहकारी समितियों  को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मौसम को देखते हुए समिति प्रभारी भी खरीदे गए धान को कैंप कवर से ढकवा रहे हैं। वहीं मेहनतकश किसानों ने अपने खून पसीना सींचकर धान की बंपर पैदावार ली है।

मौसम को लेकर किसानों में डर 
छत्तीसगढ़ के किसानों की माने तो इस समय सभी किसानों की धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है। कटाई का काम भी जोरों से चल रहा है। किसान अपने धान को उपार्जन केंद्रों में बेच सके इसकी तैयारी में लगे है। वही दूसरी तरफ किसानों में मौसम को लेकर डर बना हुआ है। आसमान में घने बादल शुक्रवार से ही छाए हुए है और शनिवार की दोपहर में हल्की हल्की बारिश हो चुकी है।

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