पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल, मुंगेली में मौन रैली निकालकर सौंपा गया ज्ञापन



मुंगेली। बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या ने पूरे प्रदेश के पत्रकार समुदाय को झकझोर दिया है। इस घटना के विरोध में मुंगेली प्रेस क्लब ने मौन रैली निकालते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने सुरक्षा कानून को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की है।

पत्रकार सुरक्षा पर गंभीर सवाल

मुकेश चंद्राकर की हत्या ने प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रही घटनाओं से पत्रकारों में भय का माहौल व्याप्त है। प्रेस क्लब ने सरकार से अपील की है कि इस मामले में दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जाए।


मौन रैली और श्रद्धांजलि

मुंगेली प्रेस क्लब के सदस्यों और अन्य पत्रकारों ने स्थानीय रेस्ट हाउस से मौन रैली निकालकर मृतक पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान प्रेस क्लब के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकारों ने सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की।

प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी

इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में पत्रकार आक्रोशित हैं। कई जिलों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सुरक्षा कानून लागू नहीं हुआ, तो प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।

सरकार से सख्त कदम की मांग

मुंगेली प्रेस क्लब ने मांग की है कि पत्रकारों को सुरक्षा देने के लिए सख्त नीति बनाई जाए। पत्रकारों का कहना है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
"यह घटना प्रदेश के हर पत्रकार को असुरक्षित महसूस करा रही है," प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने कहा।

दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की अपील

पत्रकारों ने दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की है। प्रेस क्लब ने यह भी कहा कि अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो पत्रकारों का सरकार पर विश्वास टूट सकता है।

"पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी," वरिष्ठ पत्रकारों ने चेतावनी दी।


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